एसकेएमसीएच में खून के सैंपल न लिए जाने के कारण मरीजों ने किया हंगामा

एसकेएमसीएच में खून के सैंपल

मुजफ्फरपुर का श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) उत्तर बिहार के सबसे प्रमुख स्वास्थ्य केन्द्रों में से एक है। यहाँ प्रतिदिन हजारों की संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं। हाल ही में यहां एक ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई, जिसने मरीजों और उनके परिजनों की गहरी नाराजगी को उजागर कर दिया।

घटना का सारांश

यह घटना एसकेएमसीएच के सामान्य रक्त संग्रह केंद्र से संबंधित है। निर्धारित समय पर कई मरीज अपने परिवार के सदस्यों के साथ सैंपल देने के लिए पहुंचे, लेकिन जब वे वहाँ पहुंचे, तो केंद्र का दरवाज़ा बंद मिला। इस अप्रत्याशित स्थिति से मरीजों में चिंता और असंतोष उत्पन्न हो गया।

मरीजों ने बताया कि वे दूरदराज के क्षेत्रों से यहाँ खून का सैंपल देने आए थे, ताकि उनकी आगे की जांचों में कोई देरी न हो। केंद्र का ताला देख उनके गुस्से का पारा चढ़ गया और उन्होंने अस्पताल परिसर में हंगामा करने लगे।

लैब टेक्नीशियन की सफाई

जब मरीजों में हंगामा मचा हुआ था, लैब टेक्नीशियन तत्काल मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत करने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि खून संग्रह केंद्र के लिए निर्धारित समय हर रोज एक समान है। इसके बाद आए हुए मरीजों के सैंपल उसी दिन नहीं लिए जा सकेंगे।

टेक्नीशियन ने मरीजों को यह स्पष्ट किया कि खून की जांच की प्रक्रिया वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टिकोण से निश्चित समय में पूरी होती है। यदि सैंपल देर से लिया जाता है, तो इससे रिपोर्ट प्रभावित हो सकती है, जो चिकित्सा प्रक्रिया में भी बाधा डाल सकती है।

हंगामे से हमें एक महत्वपूर्ण संदेश मिला है।

इस घटना ने बड़े सरकारी अस्पतालों में मरीजों के हित और प्रबंधन के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है। जब मरीज और उनके परिवार अस्पताल में आते हैं, तो उनके मन में उम्मीदें होती हैं। लेकिन अगर उन्हें ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़े, तो उनका विश्वास कमजोर पड़ जाता है।

मरीजों और उनके परिवारों को भी अस्पताल के नियमों का पालन करना आवश्यक है। निर्धारित समय का सम्मान करना महत्वपूर्ण है। यदि किसी प्रकार की जानकारी की आवश्यकता है, तो हेल्प डेस्क या रजिस्ट्रेशन काउंटर से सहायता प्राप्त करनी चाहिए।

समाधान की दिशा

मरीजों और उनके परिवारों को भी अस्पताल के नियमों का पालन करना आवश्यक है। निर्धारित समय का सम्मान करना महत्वपूर्ण है। यदि किसी प्रकार की जानकारी की आवश्यकता है, तो हेल्प डेस्क या रजिस्ट्रेशन काउंटर से सहायता प्राप्त करनी चाहिए।

निष्कर्ष

एसकेएमसीएच में खून के सैंपल न लिए जाने की घटना ने यह दर्शाया है कि स्वास्थ्य सेवाओं में केवल चिकित्सा प्रक्रिया ही नहीं, बल्कि प्रबंधन और संवाद की महत्वपूर्ण भूमिका है। मरीजों की नाराजगी संतोषजनक थी, वहीं टेक्नीशियन की स्थिति भी समझने योग्य थी।

इससे बचने के लिए आवश्यक है कि अस्पताल प्रशासन और मरीज एक साथ मिलकर काम करें। अगर पारदर्शिता और सूचना का आदान-प्रदान बेहतर किया जाए, तो न केवल हंगामे का समाधान होगा, बल्कि मरीजों का विश्वास भी मजबूत होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *