भिखनपुरा ग्रिड में केबल में खराबी: 10 फीडर्स रह गए 10.5 घंटे तक बिजली से वंचित

आज के समय में बिजली हर व्यक्ति के जीवन में एक अनिवार्य तत्व बन गई है। घरेलू कामकाज से लेकर औद्योगिक गतिविधियों तक, सभी जगह बिजली की जरूरत होती है। जब भी बिजली की आपूर्ति में रुकावट आती है, तो लोग कितनी कठिनाइयों का सामना करते हैं, इसका अनुभव मुजफ्फरपुर में सोमवार रात हुए एक घटना से किया जा सकता है।

सोमवार की रात लगभग दो बजे, भिखनपुरा ग्रिड का 33 केवीए केबल क्षतिग्रस्त हो गया। इसके परिणामस्वरूप ग्रिड से जुड़े 10 फीडर्स की बिजली की आपूर्ति ठप हो गई। इस समस्या के कारण 1.25 लाख से अधिक उपभोक्ता अंधेरे में रह गए और उन्हें लगभग साढ़े दस घंटे तक बिजली संकट का सामना करना पड़ा।

कौनकौन से क्षेत्र प्रभावित हुए?

शहर और उसके आस-पास के बड़े हिस्से में बिजली आपूर्ति ठप होने का प्रभाव देखा गया। भिखनपुरा ग्रिड से जुड़े 10 फीडरों में जिनकी आपूर्ति में रुकावट आई, उनमें मिठनपुरा, आनंदपुरी, कल्याणी, हरिसभा, अखाड़ाघाट, नगर थाना क्षेत्र, गोबरसही, रामदयालु, बेला और ब्रह्मपुरा जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

इन क्षेत्रों को बिजली कटौती के कारण हजारों घरों, दुकानों और छोटे उद्योगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। रात के समय अचानक बिजली चली जाने से लोगों को गर्मी और असहनीय उमस का सामना करना पड़ा। वहीं, जिन घरों में इन्वर्टर थे, वे भी सुबह तक निष्क्रिय हो गए।

अस्पतालों और मरीजों को हुई सबसे ज्यादा परेशानी

बिजली आपूर्ति बाधित होने से सबसे अधिक परेशानी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को हुई। कई छोटे अस्पताल और क्लीनिक जेनरेटर के सहारे चलते रहे। वहीं, जिनके पास वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी, वहां मरीज और उनके परिजन बेहाल रहे।

विशेषकर आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर जैसी जगहों पर बिजली की आवश्यकता 24 घंटे रहती है। बिजली गुल होने के कारण अस्पताल प्रबंधन को आपात स्थिति से जूझना पड़ा।

बिजली कंपनी ने दिया स्पष्टीकरण

भिखनपुरा ग्रिड के अधिकारियों का कहना है कि रात दो बजे एक अंडरग्राउंड केबल में अचानक पंचर हो गया, जिसके परिणामस्वरूप पूरे ग्रिड में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। तकनीकी टीम ने तत्परता से मौके पर पहुंचकर मरम्मत का काम शुरू किया।

हालांकि, समस्या की गंभीरता के कारण मरम्मत में अधिक समय लगा। अंततः दोपहर 12:30 बजे बिजली की आपूर्ति दोबारा शुरू हो सकी। अधिकारियों ने यह भी आश्वासन दिया है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक उपाय किए जाएंगे।

उपभोक्ताओं की असंतोष

बिजली की लंबे समय तक कटौती ने उपभोक्ताओं में काफी नाराजगी पैदा की है। कई लोगों ने बिजली कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर रखरखाव समय पर किया जाता, तो ऐसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।

कुछ उपभोक्ताओं ने यह भी शिकायत व्यक्त की कि ग्रिड में बार-बार तकनीकी खराबियों का आना अब सामान्य हो गया है। इससे बिजली कंपनी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवालिया निशान लगने लगे हैं।

आर्थिक हानि भी हुई

बिजली की आपूर्ति में रुकावट का प्रभाव केवल आवासीय क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहा। दुकानदारों और छोटे उद्यमियों को भी इसका सामना करना पड़ा। सुबह से बिजली कटने के कारण दुकानें देर से खुली और उनके कामकाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।

खासकर, कोल्ड स्टोरेज और डेयरी व्यवसाय से जुड़े लोगों को गंभीर नुकसान का सामना करना पड़ा। बिजली के अभाव में दूध और अन्य डेयरी उत्पाद खराब होने लगे।

भविष्य की चुनौती

बिजली की आपूर्ति में व्यवधान केवल एक तकनीकी समस्या नहीं है, बल्कि यह उपभोक्ताओं की विश्वसनीयता और विश्वास से भी संबंधित है। जब ग्राहक हर महीने समय पर अपने बिल का भुगतान करते हैं, तो उन्हें निर्बाध बिजली आपूर्ति मिलने का अधिकार है।

भिखनपुरा ग्रिड में हुई इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर तकनीकी खामियां बार-बार क्यों हो रही हैं और क्यों मरम्मत में इतना समय लग रहा है।

निष्कर्ष

मुजफ्फरपुर के उपभोक्ताओं को सोमवार रात से मंगलवार दोपहर तक लगभग साढ़े दस घंटे तक बिजली के संकट का सामना करना पड़ा। भिखनपुरा ग्रिड के केबल में पंचर होने के चलते शहर के बड़े हिस्से में अंधेरा छा गया, जिससे लोगों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ा।

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